छत्तीसगढ़ - बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षाबलों को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। डीआरजी, एसटीएफ और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम ने 9 फरवरी 2025 की सुबह से जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन चलाया।
लगभग 8 घंटे तक चली इस भीषण मुठभेड़ में 31 वर्दीधारी नक्सली मारे गए, जिनमें 11 महिला नक्सली भी शामिल हैं। वहीं, सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में अत्याधुनिक हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की है।
हालांकि, इस संघर्ष में देश ने दो बहादुर जवानों को खो दिया, जबकि दो जवान घायल हुए, जिन्हें भारतीय वायुसेना की मदद से रायपुर एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए भेजा गया है।
कैसे हुआ ऑपरेशन, क्या थी पूरी योजना?
सूचना के आधार पर डीआरजी, एसटीएफ और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम को नेशनल पार्क क्षेत्र में माओवादियों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी।
सुरक्षाबल जब जंगल के भीतर घुसे, तभी घात लगाकर बैठे माओवादियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और घंटों तक चली इस मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराया।
मुठभेड़ में मारे गए 31 माओवादी, 11 महिला नक्सली भी शामिल
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें 11 महिला नक्सलियों सहित कुल 31 वर्दीधारी माओवादियों के शव बरामद किए गए। शवों की पहचान की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मारे गए नक्सली संगठन के किस स्तर के कमांडर थे।
भारी मात्रा में हथियार बरामद, माओवादी रच रहे थे बड़ी साजिश
सुरक्षाबलों ने माओवादी शिविर पर कब्जा कर लिया और वहां से बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई, जिनमें AK-47 राइफल, SLR (सेल्फ-लोडिंग राइफल), INSAS राइफल, 303 रायफल, BGL लॉन्चर, ग्रेनेड, आईईडी (IED), डेटोनेटर और अन्य विस्फोटक सामग्री शामिल हैं।
क्या थी माओवादियों की योजना?
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि माओवादी किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे। इतने बड़े पैमाने पर हथियारों की मौजूदगी इस ओर इशारा करती है कि वे किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। लेकिन सुरक्षाबलों की तत्परता और बहादुरी ने उनकी साजिश को विफल कर दिया।
शहीद हुए दो वीर जवान, देश ने खोए अपने बहादुर सपूत
जवानों की हालत खतरे से बाहर, इलाज जारी
दोनों घायल जवान DRG कांस्टेबल जग्गू कलमू, STF कांस्टेबल गुलाब मंडावी को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रायपुर एयरलिफ्ट किया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। अतिरिक्त फोर्स को भी भेजा गया है ताकि इलाके को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सके।
"नेशनल पार्क क्षेत्र में सक्रिय माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर सुरक्षाबलों की टीम रवाना हुई थी। अभियान के दौरान सुबह 8 बजे माओवादी हमले की शुरुआत हुई, जो लगभग शाम 4 बजे तक चला। माओवादियों ने घात लगाकर हमला किया, लेकिन सुरक्षाबलों की रणनीति के आगे वे टिक नहीं पाए।"
जितेंद्र यादव, एसपी, बीजापुर
शहीद जवानों को श्रद्धांजलि, पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई
बीजापुर लाए गए दोनों शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
"हमारा प्रदेश जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त होगा। हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवानों को दी बधाई
"बीजापुर का नेशनल पार्क नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका था। लेकिन आज सुरक्षाबलों ने उसे खत्म कर दिया। 300 से ज्यादा जवानों ने घुसकर माओवादियों को घेरा और 31 नक्सलियों को ढेर किया।"
विजय शर्मा (गृहमंत्री) छत्तीसगढ
"जवानों को खुफिया इनपुट मिला था कि नक्सली जंगल में बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। ऑपरेशन के तहत टीम भेजी गई, और सुरक्षाबलों ने माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है। हमारा ऑपरेशन यहीं नहीं रुकेगा। बीजापुर का यह ऑपरेशन नक्सलवाद खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ है। बीते 40 दिनों में नक्सल विरोधी अभियानों में अब तक 65 माओवादी मारे गए हैं। सरकार की नीति स्पष्ट है बस्तर में शांति और विकास। यह ऑपरेशन इसी दिशा में एक और कदम है।"
सुंदरराज पी. (आईजी) बस्तर
नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक जीत
बीजापुर का यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ा कदम है। 31 माओवादियों को ढेर कर, सुरक्षाबलों ने यह दिखा दिया कि देश अब नक्सलवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सुरक्षा बलों का यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।









