बीजापुर – जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस मामले में मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को विशेष जांच कर (SIT) ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। SIT प्रमुख पुलिस अधिकारी मयंक गुर्जर ने जानकारी दी कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और जल्द ही अन्य संबंधित अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा।
भ्रष्टाचार का पर्दाफाश बना हत्या का कारण
पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर द्वारा चलाए जा रहे सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। यह खुलासा ठेकेदार के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पर सीधा आघात था। इसके बाद 1 जनवरी को मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उनके शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया।
पोस्टमार्टम के दौरान लीवर के 4 टुकड़े, 5 पसलियां टूटीं सिर पर 15 फ्रैक्चर, हार्ट फटा और गर्दन टूटी मिली
पत्रकार मुकेश चंद्रकार के पोस्टमार्टम में रूह कंपा देने वाली नृशंसता सामने आई है। उसके लीवर 4 टुकड़ों में मिले, 5 पसलियां टूटीं, सिर पर 15 फ्रैक्चर, हार्ट फटा हुआ और गर्दन टूटी हुई मिली है। पीएम करने वाले डॉक्टरों ने भी कहा है कि उन्होंने अपने कॅरियर में इतनी बुरी स्थिति में कोई शव नहीं देखा है। पत्रकार मुकेश की हत्या के लिए आरोपियों ने पहले पीछे से वार किया और जब वह गिर गया तो उस पर ताबड़तोड़ वार किए गए, जिससे पलभर में ही उसकी मौत हो गई। शव का पीएम डॉ राजेन्द्र रॉय व दो अन्य डाक्टरों ने किया।
हत्या के आरोपियों पर बीएनएस की धाराएं
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर हैदराबाद से रितेश चंद्राकर, सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने आरोपियों पर बीएनएस (BNS) के तहत 4 धाराएं लगाई हैं।
1. धारा 103 (हत्या की साजिश) - इस धारा के तहत हत्या की पूर्व नियोजित साजिश करने के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस साजिश के तहत आरोपियों ने मुकेश चंद्राकर को मारने की योजना बनाई थी।
2. धारा 238 (हत्या के बाद साक्ष्य छिपाना)- हत्या के बाद आरोपियों ने शव को छुपाने और साक्ष्य को नष्ट करने का प्रयास किया। इसका उद्देश्य मामले को दबाना और अपराध के सबूतों को खत्म करना था।
3. धारा 61 (अवैध हथियारों का उपयोग)- आरोपियों पर यह धारा भी लगाई गई है, क्योंकि उन्होंने हत्या के लिए अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया था।
4. धारा 3(5) (आपराधिक समूह के रूप में कार्य करना) - यह धारा उन आरोपियों पर लागू की गई है जिन्होंने एक संगठित अपराधी समूह के रूप में कार्य किया और योजना बनाकर हत्या को अंजाम दिया।
माओवादियों की प्रतिक्रिया, हत्या की निंदा
इस घटना पर माओवादियों ने भी प्रतिक्रिया दी है। प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी कर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की कड़ी निंदा की और गहरा खेद प्रकट किया। माओवादियों ने कहा कि यह घटना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।
पुलिस की जांच जारी
SIT प्रमुख मयंक गुर्जर ने बताया कि सुरेश चंद्राकर से पूछताछ के दौरान हत्या के पीछे की साजिश और अन्य पहलुओं का खुलासा होने की उम्मीद है। इस मामले से जुड़े सभी सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और जल्द ही चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में पेश की जाएगी।
इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार संगठनों ने इस हत्या की निंदा की है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और इस मामले में सभी आरोपियों को कठोर दंड दिया जाए।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की हत्या है, बल्कि समाज में भ्रष्टाचार और अपराध के गठजोड़ की गहरी समस्या को उजागर करती है। प्रशासन और न्याय प्रणाली पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे इस मामले में सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई करें, ताकि न्याय हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।


