बीजापुर (भोपालपटनम) - स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट कन्या हिंदी माध्यम विद्यालय भोपालपटनम के प्राचार्य श्री भीमारपु मधुकर राव पर गंभीर आरोप लगे हैं, जो न केवल विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता पर असर डाल रहे हैं, बल्कि शिक्षा विभाग की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही की ओर भी इशारा कर रहे हैं। विद्यालय के शाला प्रबंधन समिति (SMDC), बच्चों और शिक्षकों द्वारा लगाए गए आरोपों में वित्तीय अनियमितताओं, अवैध वसूली, कर्मचारियों पर अनुचित दबाव, और शैक्षणिक कर्तव्यों में लापरवाही शामिल हैं।
शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष, बच्चों और शिक्षकों व्दारा प्राचार्य पर आरोप
प्राचार्य पर वित्तीय अनियमितताओं और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप शाला प्रबंधन समिति (SMDC), छात्राएं और शिक्षकों द्वारा लगाए गए। इन आरोपों में वित्तीय अनियमितताओं, बच्चों से अवैध वसूली, शैक्षणिक एवं प्रशासनिक लापरवाही, और कर्मचारियों पर अनुचित दबाव शामिल हैं।
अनुदान राशि का दुरुपयोग - प्राचार्य श्री राव पर आरोप है कि उन्होंने 2017 से मिलने वाली अनुदान राशि का सही उपयोग नहीं किया। यह राशि शैक्षिक गतिविधियों और स्कूल के विकास के लिए दी गई थी, लेकिन पारदर्शिता की कमी और संतोषजनक जवाबों की अनुपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्राचार्य ने इस राशि का दुरुपयोग किया। SMDC और अन्य अधिकारियों ने कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
उपचारात्मक शिक्षण राशि में अनियमितता - 2022-23 सत्र में उपचारात्मक शिक्षण कार्य के लिए दी गई राशि का वितरण ठीक से नहीं हुआ। यह राशि छात्रों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए निर्धारित थी, लेकिन इसका उपयोग न होने से छात्रों की शैक्षिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
अवैध वसूली - कक्षा 11वीं और 12वीं के व्यावसायिक छात्रों से इंटरर्नशिप के नाम पर ₹300 से ₹550 तक की अवैध वसूली की गई। यह राशि छात्रों से बिना किसी वैध कारण के लिए ली गई, जिससे न केवल छात्रों के अभिभावकों को परेशानी हुई, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्राचार्य ने वित्तीय पारदर्शिता की अनदेखी की।
विज्ञान प्रयोगशाला और प्रायोगिक परीक्षा का मुद्दा - विज्ञान प्रयोगशाला के लिए आवश्यक फंड जारी नहीं किया गया, और प्रायोगिक परीक्षा के लिए शिक्षकों को स्वयं व्यवस्था करनी पड़ी। यह खामियां यह दिखाती हैं कि प्राचार्य ने छात्रों की शैक्षिक जरूरतों के प्रति लापरवाही बरती और प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं निभाई।
मूलभूत सुविधाओं की कमी - विद्यालय में बिजली, पंखे, रंगाई-पुताई, फर्श, और पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाओं की उपेक्षा की गई। यह स्थिति शिक्षा विभाग की भी अनदेखी को दिखाती है, क्योंकि इन समस्याओं के बारे में कई बार जानकारी दी गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
कर्मचारियों पर अनुचित दबाव - भृत्यों को झाड़ू और वाशिंग सोडा जैसी चीजें अपने वेतन से खरीदने के लिए बाध्य किया गया, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ा। यह कर्मचारियों पर अनुचित दबाव और उत्पीड़न का मामला है, जिसे प्राचार्य ने नजरअंदाज किया।
शैक्षणिक कर्तव्यों में लापरवाही - प्राचार्य पर यह आरोप भी है कि उन्होंने अपनी मुख्य विषय (हिंदी) का अध्यापन नहीं किया और अन्य शिक्षकों पर दबाव डालकर काम करवाया। यह आरोप विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट का कारण बने हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बीजापुर का औचक निरीक्षण
बीजापुर के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने 4 दिसंबर 2024 को किए गए औचक निरीक्षण में यह पाया गया कि विद्यालय के विद्यार्थी पढ़ने-लिखने में सक्षम नहीं हैं, जो कि एक अत्यंत चिंताजनक स्थिति है। इस निरीक्षण के बाद, प्राचार्य श्री बी. मधुकर राव और प्रधान अध्यापिका श्रीमती जैना देव को कारण बताओ सूचना जारी किया गया। उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वे तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें और इस मुद्दे पर समाधान प्रस्तुत करें। यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होता या निर्धारित समय सीमा के भीतर प्राप्त नहीं होता है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिला पंचायत बीजापुर के इस आदेश में कहा गया था कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत की जाएगी। हालांकि, यह सवाल उठाता है कि शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर पहले क्यों ध्यान नहीं दिया?
प्रभारी प्राचार्य को परिवर्तन हेतु कलेक्टर कार्यालय से प्रस्ताव
20 दिसम्बर 2024 को कलेक्टर कार्यालय, बीजापुर ने शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मुरलीमनोहर चाण्डक द्वारा दायर किए गए प्रस्ताव के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी से अनुरोध किया गया कि वह इस शिकायत पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें और पांच दिवस के भीतर कार्यवाही की रिपोर्ट कार्यालय को भेजें। हालांकि, यह कदम भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि शिकायत लंबे समय से दायर की गई थी, और विभागीय कार्रवाई में देरी कर रहा है।
शिक्षा विभाग ने शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच के आदेश
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट कन्या हिंदी माध्यम विद्यालय भोपालपटनम के प्रभारी प्राचार्य श्री बी. मधुकर राव के खिलाफ 10 जनवरी 2025 को जांच के आदेश जारी करते हुए जांच के लिए श्री प्रवीणलाल कुडेम, प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, भोपालपटनम को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि श्री अरबखान, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय हाई पोटाकेबिन संगमपल्ली को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट कन्या हिंदी माध्यम विद्यालय, भोपालपटनम में शिक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं। प्राचार्य श्री भीमारपु मधुकर राव पर लगाए गए आरोपों के बाद शिक्षा विभाग की अनदेखी और देर से की जा रही कार्रवाई से जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता कैसे सुनिश्चित की जाएगी।
अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करते हैं और क्या वे शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाते हैं।
